मैं जो करता हूँ,
सब वो,मेरी ,
गलतियां कहलाती हैं।
कोशिशें अक्सर,
मेरी,
नाकामियां बन जाती हैं॥
जब भी थामता हूँ,
हाथ किसी का, उसकी,
दुश्वारियाँ बढ़ जाती हैं॥
जब बांटता हूँ,
दर्द किसी का,
रुस्वाइयां बन जाती हैं॥
मगर मैं फ़िर भी चलता रहता हूँ.
सब वो,मेरी ,
गलतियां कहलाती हैं।
कोशिशें अक्सर,
मेरी,
नाकामियां बन जाती हैं॥
जब भी थामता हूँ,
हाथ किसी का, उसकी,
दुश्वारियाँ बढ़ जाती हैं॥
जब बांटता हूँ,
दर्द किसी का,
रुस्वाइयां बन जाती हैं॥
मगर मैं फ़िर भी चलता रहता हूँ.